पन्ना से यूसुफ बेग।
बैकुन्ठी बाई w/o प्रसाद ढीमर उम्र 77 साल निवासी बॉधी कला तहसील अमानगंज जिला पन्ना की निवासी हैं। बैकुन्ठी बाई का कहना है कि वो यहॉ (कियोस्क) में 12 बजे की बैठी है, लेकिन अभी तक उनका अंगूठा मैच न हो पाने की वजह से पैसा नही निकल पा रहा है।
हमने कियोस्क आपरेटर अशोक जडिया जी से बात की तो एक नई चीज निकलकर आई । उन्होंने बताया की इनका अंगूठा मैच नहीं हो रहा इसलिये पैसा नही निकल रहा l
जब हमने पूछा कि इसका कारण क्या है तो उन्होंने बताया कि जिस उंगली या अंगूठा से प्रेस करना है वो कम्प्यूटर बता देता है कि बीच की उंगली, पहली उंगली या अंगूठा मैच कराना है लेकिन सिर्फ जिसने खाता खोला है वही जान सकता है जिस बैंक से खाता खुला है वही से पता चल सकता है कि किस उंगली अंगूठा मैच कराना है ।
उनका कहना है कि कुछ कियोस्क वाले अंगूठा प्रेस कराते हैं और किसी और उंगली को कम्प्यूटर की जानकारी में भरते हैं कि कहीं दसरी जगह फिंगर ही न मिल सके और हितग्राही उनके ही पास पहुंचे।
ऐसा भी लोग कर रहे हैं अपनी दुकानदारी चलाने के लिये और इनकी मक्कारी की सजा भुगत रहे हैं हमारे निराश्रित और विधवा बुजुर्ग l
बैकुन्ठी बाई बगैर पैसे लिये ही अपने गांव वापस चली गई। अब उनकी दीवाली कैसे मनेगी ?
बैकुन्ठी बाई w/o प्रसाद ढीमर उम्र 77 साल निवासी बॉधी कला तहसील अमानगंज जिला पन्ना की निवासी हैं। बैकुन्ठी बाई का कहना है कि वो यहॉ (कियोस्क) में 12 बजे की बैठी है, लेकिन अभी तक उनका अंगूठा मैच न हो पाने की वजह से पैसा नही निकल पा रहा है।
हमने कियोस्क आपरेटर अशोक जडिया जी से बात की तो एक नई चीज निकलकर आई । उन्होंने बताया की इनका अंगूठा मैच नहीं हो रहा इसलिये पैसा नही निकल रहा l
जब हमने पूछा कि इसका कारण क्या है तो उन्होंने बताया कि जिस उंगली या अंगूठा से प्रेस करना है वो कम्प्यूटर बता देता है कि बीच की उंगली, पहली उंगली या अंगूठा मैच कराना है लेकिन सिर्फ जिसने खाता खोला है वही जान सकता है जिस बैंक से खाता खुला है वही से पता चल सकता है कि किस उंगली अंगूठा मैच कराना है ।
उनका कहना है कि कुछ कियोस्क वाले अंगूठा प्रेस कराते हैं और किसी और उंगली को कम्प्यूटर की जानकारी में भरते हैं कि कहीं दसरी जगह फिंगर ही न मिल सके और हितग्राही उनके ही पास पहुंचे।
ऐसा भी लोग कर रहे हैं अपनी दुकानदारी चलाने के लिये और इनकी मक्कारी की सजा भुगत रहे हैं हमारे निराश्रित और विधवा बुजुर्ग l
बैकुन्ठी बाई बगैर पैसे लिये ही अपने गांव वापस चली गई। अब उनकी दीवाली कैसे मनेगी ?
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