उमरिया से संदीप नाईक
----------------------------
दस्तक यात्रा आज डोगरगवां जिला उमरिया पहुंची है। पहाड़ी पर बसा होने से इसका नाम डोगर गवां पड़ा। आज कहानी राजेश यादव की जो इस यात्रा में सारथी की भूमिका में है। 24 वर्षीय राजेश दसवीं पास है ड्राईवरी में 2011 से है।
वे कहते है यात्रा में दस्तक की टीम जो बच्चों को सिखाती है, साथ खाना बनाना सिखाते है, मुनगा का पत्ता खिलाते है वह बहुत अच्छा है। इनकी पत्नी इस समय गर्भवती है और उन्होंने नौ दस दिन के अनुभव के बाद अपनी पत्नी को मुनगा खिलाना शुरू कर दिया है।
जब इनके घर पहुंचे और पत्नी काजल से बात की कि कमजोर लग रही हो तो बोली "वे कहे है कि रोज अब मुनगा का पत्ती खाबो और कछु बनाएका तो डाल ली करो" वे टीम को बहुत मदद करते है।
आंगनवाड़ी सजाने से लेकर भोजन पकाने में और स्कूल में बच्चों के साथ खेल करने से लेकर बैठक में। राजेश को यह काम नहीं लग रहा बल्कि मजा आ रहा है और वे बहुत कुछ सीख भी रहे है।
----------------------------
दस्तक यात्रा आज डोगरगवां जिला उमरिया पहुंची है। पहाड़ी पर बसा होने से इसका नाम डोगर गवां पड़ा। आज कहानी राजेश यादव की जो इस यात्रा में सारथी की भूमिका में है। 24 वर्षीय राजेश दसवीं पास है ड्राईवरी में 2011 से है।
वे कहते है यात्रा में दस्तक की टीम जो बच्चों को सिखाती है, साथ खाना बनाना सिखाते है, मुनगा का पत्ता खिलाते है वह बहुत अच्छा है। इनकी पत्नी इस समय गर्भवती है और उन्होंने नौ दस दिन के अनुभव के बाद अपनी पत्नी को मुनगा खिलाना शुरू कर दिया है।
जब इनके घर पहुंचे और पत्नी काजल से बात की कि कमजोर लग रही हो तो बोली "वे कहे है कि रोज अब मुनगा का पत्ती खाबो और कछु बनाएका तो डाल ली करो" वे टीम को बहुत मदद करते है।
आंगनवाड़ी सजाने से लेकर भोजन पकाने में और स्कूल में बच्चों के साथ खेल करने से लेकर बैठक में। राजेश को यह काम नहीं लग रहा बल्कि मजा आ रहा है और वे बहुत कुछ सीख भी रहे है।

No comments:
Post a Comment