उमरिया। देखिए, महिलाएं किस उत्साह, आत्मीयता और प्रेम से अपने समुदाय के बच्चों के लिए भोजन पका रही हैं। दस्तक यात्रा के दौरान उमरिया जिले में यह उत्साह देखने को मिला। यदि इस तरह आत्मीयता और पोषण से भरपूर भोजन देश के हर गांव—समुदाय के बच्चों को मिले तो भला कुपोषण कैसे दूर न हो। पर नीतियों में यह कहां। सरकार बस एक पैकेट भेज देती है। उससे कहां बच्चे तंदुरूस्त होने वाले हैं।
मध्यप्रदेश के उमरिया, सतना, रीवा व पन्ना शिवपुरी, निवाड़ी, झाबुआ, खंडवा जिले में साथी संस्थाओं की साझी—जमीनी पहल
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दो कमरे में लगती हैं पांच कक्षाएं
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